Have Questions?Ask Babaji
Dhatu Paustik Jivani
उत्साह, बल, निरोगता और स्फूर्ति इसके साथ आज कल बहुत से नवयुवक बुरी संगती और बुरे विचारे में पड़कर वीर्य नष्ट करने लगते है, अंत में उन्हें प्रमेह स्वप्नदोष आदि रोग घेर लेते है। बहुत ही दवा दारू करने पर भी उन्हें विशेष लाभ नहीं होता है। इसी प्रकार कुछ नवयुवक इंद्रिय वेग को रोक सकने में अपने को असमर्थ सा पाते है। कितने ही लोग ऐसे है जो ब्रह्मचर्य पालन करने की इच्छा रखते हुए भी अपने को काबू में नहीं रख पाते है और भ्रष्ट हो जाते है, खास उन्हीं के लिए है धातु पौष्टिक जीवनी।
मात्रा
एक छोटी चम्मच (मसाले वाली), सुबह शाम खाना खाने के बाद, हलके गर्म दूध, शहद या घी के साथ लेना चाहिए।परहेज़
इसमें आपको तली हुई चीजों, लाल मिर्च, चावल, खटाई, नींबू, चटनी, मौसमी, अचार वगैराह के परहेज रहेंगे!आयु वर्ग
इस दवा को 15 से लेकर 65 वर्ष तक कि आयु में कोई भी स्त्री-पुरुष ले सकते हैं !
हिदायतें
महिलाओं में प्रग्नेंसी के वक़्त या स्त्री-पुरुष किसी भी प्रकार के शारीरिक ऑपरेशन के तीन महीने तक इस दवा का सेवन ना करें !
ध्यान दे ! हमारी समस्त दवाएं अपने प्रभाव और परिणाम से आयुर्वेद की कसोटियों पे परिपूर्ण हैं, जिनके नियमित व उचित मात्रा में उपयोग से शरीर में किसी प्रकार का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है ! दवा के इस्तेमाल से पहले उसके सेवन कि विधि, मात्र और परहेज़ एक बार ध्यान से पढ़ लें !